Home » Blog » वनों को आग से बचाने के लिए द हंस फाउंडेशन का मिला साथ

वनों को आग से बचाने के लिए द हंस फाउंडेशन का मिला साथ

by badhtabharat
 
कोटद्वार । उत्तराखण्ड की बहुमुल्य वन संपदा को आग से बचाने के लिए द इस फाउंडेशन ने जनपद टिहरी व पौड़ी गढ़वाल के 500 ग्रामों में वन अग्नि रोकथाम एवं शमन हेतु कार्य किया जा रहा है। जहाँ एक ओर फाउंडेशन द्वारा ग्राम स्तर पर वॉलेंटियर को प्रशिक्षण वनाग्नि प्रमकान हेतु उपकरण देना तथा उनका बीमा कराया गया है । वहीं दूसरी ओर वन विभाग के फील्ड कार्मिकों हेतु सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के साथ ही उनका बीमा भी कराया जा रहा है । उत्तराखण्ड में प्रत्येक वर्ष वनाग्नि के कारण हजारों हेक्टेयर वन क्षेत्र जल जाता है, जिसके अधिकतर कारण मानवजनित है। द इस फाउंडेशन ने फायर सीजन 2023 की तैयारिया शुरू कर दी है। वर्तमान तक फाउंडेशन ने टिहरी व पौड़ी गढ़वाल के 500 ग्रामों में लगभग 2500 स्वंयसेवकों को चिह्नित किया है, जो कि फायर सीजन 2023 में वन विभाग के साथ मिलकर वनाग्नि प्रबन्धन में सहयोग करेंगे। वन विभाग द्वारा भी इस वर्ष से चीड़ बाहुल्य वन प्रभागों में वन अग्नि सुरक्षा समितियों के गठन की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है।
गठित वन अग्नि सुरक्षा समितियों व द हंस फाउंडेशन ने चयनित स्वयसेवक फायर फायटर्स के बीच समन्वय तथा चनारित प्रबन्धन के लिए सहयोग हेतु वन विभाग द्वारा रोडमैप भी तैयार किया जा रहा है। इसी क्रम में जन समुदाय को वनाग्नि के कारणों, उनके प्रभावों व रोकथाम के उपाय बताने के साथ-साथ फाउंडेशन वनों के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु गांव-गांव जाकर नुक्कड नाटकों, स्कूलों में क्विज प्रतियोगिताओं व कठपुतली कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है। ग्राम जवाद, बडेथ शिमल्या बोली, बन्नी, रिंगवाडगाव लगूरी, डाडामण्डी मुख्य बाजार, सिलोगी मुख्य बाजार में नुक्कड़ नाटक करवाये गए हैं। साथ ही नुक्कड नाटक की टीम प्रयास कला संगम के कलाकारों के द्वारा जन जन तक वनों में आग न लगानें हेतु नाटक के माध्यम से आवहान किया गया।