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श्रीमद भागवत व देवी कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ, श्रद्धालुओं ने लिया कथा का आनंद

by badhtabharat
 
श्रीनगर । कीर्तिनगर के लोस्तु पट्टी के पांणव गांव में श्रीमद् भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। खाली से ढोल दमो के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा गांव के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई पंडाल पर पहुंची। जहां सुनील गोदियाल व समस्त परिवार ने भागवत की पूजा अर्चना की और पूजन के बाद कलश की स्थापना की गई।
इस मौके पर कथा व्यास बालमुकुंद शास्त्री ने अपने प्रवचनों में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मों का उदय होता है ।इसको सुनने मात्र से जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि नारद जी ने भक्ति देवी के कष्ट की निवृत्ति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का साप्ताहिक अनुष्ठान किया था। जहां संतकुमारों ने भागवत का प्रवचन करते हुए नारद के मन का संशय दूर किया। इसी कथा को धुंधकारी प्रेत ने अपने अग्रज से श्रवण किया और प्रेत योनि से मुक्ति पाकर विष्णु लोक को प्राप्त हुए।
वहीं देवी भागवत करते हुए कथा व्यास आचार्य अटल सेमवाल ने कहा कि देवी भागवत श्रवण से जीव के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। अंत में सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर सत्यप्रसाद गोदियाल, शशी भूषण, मोहनलाल, राजेन्द्र प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद, हरीश, भानूप्रकाश, राकेश, मुकुन्दं राम, रामलाल गोदियाल, आनन्द गोदियाल सहित कई ग्रामीणों ने कथा का श्रवण किया ।