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बजट में खर्चों के साथ आय को करना होता है संतुलित, जानें ……….

by badhtabharat
देहरादून : बजट दिवस,  आज केंद्रीय बजट का दिन है! बजट हमारे जीवन की तरह है। यह सब संतुलन के बारे में है;  प्राथमिकताओं को संतुलित करने के बारे में है, हमारे पास जो है और जो हमें चाहिए उसे संतुलित करना, यह तय करना कि संसाधन कहां से और कैसे उत्पन्न किए जाएं और अपने लक्ष्य और जीवन की तरह संसाधनों का आवंटन, अनिश्चितताओं के लिए योजना बनाना।
हमारे परिवार के बजट की तरह, सरकार का भी एक कठिन काम है।  उन्हें प्राथमिकताएं तय करनी होंती हैं, आर्थिक विकास को गति देना होती है, वादों को पूरा करना होता है, वंचितों का ख्याल रखना होता है, लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना होता है, खर्चों के साथ आय को संतुलित करना होता है, संसाधन कहां से जुटाने हैं, यह तय करना होता है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे बहुत अधिक कर्ज न लें, क्योंकि पहले हम बहुत अधिक, सीमा से अधिक बाहरी कर्ज़ ले चुके हैं। इससे हमारा भविष्य में अस्थिर हो सकता है। यह निश्चित रूप से एक बहुत दुरूह कार्य है।
उम्मीद है कि इस साल का बजट सभी को खुश करेगा और भारत को समृद्धि की राह पर ले जाने में मदद करेगा। लेकिन, जब भी मैं बजट के बारे में सोचता हूं, मुझे हमेशा वॉरेन बफे का यह अद्भुत उद्धरण याद आता है: “अपने आप में निवेश करना सबसे अच्छी चीज़ है जो आप कर सकते हैं। कुछ भी जो आपकी अपनी प्रतिभा को बेहतर बनाता है। कोई भी इस पर कर नहीं लगा सकता या इसे आपसे छीन नहीं सकता। उन्हें भारी घाटा हो सकता है और मुद्रा का मूल्य बहुत कम हो सकता है। आपके साथ हर तरह की चीज़ें घटित हो सकती हैं । लेकिन अगर आपके पास स्वयं प्रतिभा है, और आपने अपनी प्रतिभा को अधिकतम उपयोग कर लिया है, तो आपके पास एक जबरदस्त संपत्ति है जो दस गुना होकर वापस आ सकती है।”
  • अपना स्वयं का बजट बनाएं।
  • वर्ष के लिए अपनी प्राथमिकताएँ तय करें।
  • अपने आप में निवेश करने का निर्णय लें।
  • संसाधनों का आबंटन सुघड़ता से करें।
  • आय और व्यय की योजना बनाएं।
  • इसे संतुलित रखें और हमेशा धन्य रहें।
  • अनावश्यक चीजें न खरीदें।
  • बरसाती दिनों के लिये भी कुछ बचाकर रखे!
  • शुभ बजट!! 

लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.