Home » Blog » आइये कॉफी का लें आनंद ……

आइये कॉफी का लें आनंद ……

by badhtabharat
देहरादून : दुनिया में सबसे खुश लोग वे नहीं हैं जिनके पास सब कुछ है और उन्हें कोई समस्या नहीं है, बल्कि वे हैं जो उन चीज़ों के साथ जीना सीख जाते हैं जो परफेक्ट नहीं हैं। आइये, आज फिर मैं एक सच्ची कहानी सुनाता हूँ, आशा है आपको पसन्द आएगी और इसे अपने जीवन से तुलना करने को बाध्य करेगी और प्रेरित करेगी! अपने करियर में अत्यधिक स्थापितऔर सेटल्ड स्नातकों का एक समूह अपने पुराने विश्वविद्यालय के अपने प्रिय प्रोफेसर से मिलने के लिए गया। यह मुलाकात और बातचीत जल्द ही काम और जीवन में तनाव के बारे में शिकायतों और परेशानियों में बदल गई।
अपने पुराने विद्यार्थी मेहमानों को कॉफी की पेशकश करते हुए, प्रोफेसर ने अपने सेवक से सबके लिए कॉफ़ी लाने हेतु कहा। थोड़ी देर में किचन से वह कॉफी एक बड़े ज़ार में लेकर आया और साथ में विभिन्न प्रकार के कप – चीनी मिट्टी के कप, प्लास्टिक के, काँच के, क्रिस्टल के, कुछ सादे दिखने वाले, कुछ महंगे, कुछ उत्तम – और कुछ गिलास लेकर आया क्योंकि प्रोफेसर के घर इतने सारे एक तरह के कप उपलब्ध नहीं थे और  टेबिल पर रखकर चला गया। प्रोफेसर ने अपने विद्यार्थियों से उन्हें कॉफी खुद लेने के लिए नम्र निवेदन किया। जब सभी छात्रों ने एक-एक कप चुना और उसमें कॉफी डाली, और कॉफ़ी पीने लगे तो प्रोफेसर ने कहा: “अगर आपने गौर किया हो, तो सभी अच्छे दिखने वाले महंगे कप ले लिए गए हैं, और साधारण और सस्ते दिखने वाले कप वहीं टेबिल पर ही रखे रह गए हैं।
  • जबकि यह एक सामान्य मनोविज्ञान है कि हम सब अपने लिए केवल सर्वश्रेष्ठ की चाहत रखतें है, यही हमारी समस्याओं और तनाव का मुख्य स्रोत भी है।
  • यह हम सब जानतें हैं और आश्वस्त हैं कि कप का कॉफी की गुणवत्ता से कोई सम्बन्ध नहीं है। कप कॉफ़ी की क्वालिटी को न घटा सकता है और न बढ़ा सकता है।
  • ज़्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि जो ज़्यादा महंगा होता है वह उसकी गुणवत्ता को भी छिपा देता है कि हम क्या पी रहें हैं।
  • हम सभी को वास्तव में कॉफ़ी चाहिए थी, कप नहीं, लेकिन हमने जानबूझकर सबसे अच्छे कप को ढूंढा, और फिर हम एक-दूसरे के कप को देखने लगे।
  • अब इस पर विचार करें: जीवन कॉफ़ी है; नौकरी, पैसा और समाज में पद कप हैं, कप सिर्फ़ जीवन को थामे रखने और बनाए रखने के उपकरण हैं, और हमारे पास जो कप है, वह हमारे जीवन की गुणवत्ता को परिभाषित या बदल नहीं सकता!
  • कई बार कप पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करके, हम नियति द्वारा हमें दी गई स्वादिष्ट कॉफ़ी का आनंद लेने से वंचित और विफल हो जाते हैं।

आइये, हम अपनी कॉफ़ी का आनंद लें!

  •  सबसे खुश लोगों के पास हर चीज़ का सबसे अच्छा हिस्सा नहीं होता है।
  • वे बस हर चीज़ को अपना सबसे अच्छा हिस्सा बना लेतें हैं।
  • खुशी पैदा करने के कुछ सबसे अच्छे तरीके हैं:
  •  “अपने दिल को नफरत से मुक्त रखें,
  •  अपने दिमाग को चिंता से मुक्त रखें।
  • सरल जीवन जियें, कम उम्मीद करें, ज़्यादा देने की कोशिश करें।
  •  अपने जीवन को प्यार से भरें, प्यार बिखेरें।
  • खुद को भूल जाएँ, दूसरों के बारे में सोचें,
  •  जैसा आप का मन करता है, वैसा ही करें,
  •  इसे मात्र एक हफ़्ते तक आज़माएँ और मुझे विश्वास है कि आप इसके सुखद परिणामो से हैरान हो जाएँगे।”
  • आप स्वयं एक चमत्कार हैं, मेरे दोस्त; आपका जीवन या तो रोशनी बिखेरता है या छाया डालता है!

रोशनी बिखेरें, कॉफ़ी का मज़ा लें और हमेशा धन्य रहें!

सावन के इन काले बादलों से ख़ुशी का चाँद निकलेगा

तू इन खूबसूरत दरख्तों, पहाड़ों और उड़ते परिंदों को देख…                                      

~ नरेन्द्र

हैप्पी कॉफ़ी!! 

लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.