- चमोली के 14 गांव वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल
- सीमांत गांवों में बढ़ेंगी सुविधाएं
चमोली : वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत सीमांत गांवों के विकास को लेकर जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। जिलाधिकारी ने आर्मी और आईटीबीपी अधिकारियों से कहा कि वाइब्रेंट विलेज के अंतर्गत जो भी निर्माण कार्य उनके द्वारा किये जा रहे हैं, प्रस्तावित हैं या पूर्ण हो चुके हैं, उनका फोटो सहित विवरण जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं। इससे कार्यों में डुप्लीकेसी (दोहराव) नहीं होगी और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने सुझाव दिया कि आर्मी और आईटीबीपी के साथ जिला प्रशासन के समन्वय के लिए सेना की ओर से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो सभी संबंधित कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग कर डिटेल जिला प्रशासन को समय समय पर उपलब्ध करा सकें।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को समायोजित कर वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत गावों का समग्र विकास किया जाए।उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर योजनाओं को समयबद्ध ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज योजना का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में स्थित गांवों में मूलभूत सुविधाओं को विकसित कर वहां रहने वाले नागरिकों के लिए आजीविका के अवसर और जीवन स्तर में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि इन गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, आवास, बिजली, संचार और सड़क जैसी सुविधाओं को विकास सुनिश्चित किया जाए।
परियोजना निदेशक आनंद सिंह ने बताया कि जनपद चमोली के अंतर्गत आने वाले कुल 14 सीमांत गांवों को वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत विकसित किया जाना है। इन गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ पर्यटन, हस्तशिल्प, रोजगार गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इस दौरान अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, जिला विकास अधिकारी केके पंत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अभिषेक गुप्ता, जिला पर्यटन अधिकारी अरविन्द गौड़ और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी सहित सेना और आईटीबीपी के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहें।