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विधानमंडल और जनता के बीच एक व्यापक संवाद- चर्चा का होना चाहिए रास्ता – विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण

by badhtabharat
गंगटोक/सिक्किम । सिक्किम की राजधानी गंगटोक में चल रहे दो दिवसीय राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ (सीपीए)भारत जोन-III सम्मेलन का समापन लोकसभा अध्यक्ष एवम् राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ, भारत क्षेत्र के चेयरमैन ओम बिड़ला के समापन भाषण पर हुआ। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने सम्मेलन में “जनता/ नागरिकों के लिए संसद और विधान सभा को अधिक सुलभ बनने “के विषय में बोलते हुए  कहा की विधानमंडल और जनता के बीच एक व्यापक संवाद- चर्चा का रास्ता होना चाहिए जिससे जनता की सीधी पहुंच विधान मंडल तक हो । विधानसभा में कानून बनाते समय जनता के साथ संवाद करने की जरूरत है कानून बनाने में जनता की राय लेना भी आवश्यक है । 
उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया, संसद तथा विधान सभाओं की कार्यावाही का सीधा प्रसारण होने से जनता की लोकतांत्रिक व्यवस्था की ओर रूची बढी है तथा जनता /नागरिक का अपने जन-प्रतिनिधियों से कई विषयों पर सीधा संवाद हो रहा है। जनता को मीडिया के माध्यम से पता चल पाता है की जनप्रतिनिधि उनके क्षेत्र के मुद्दों को संसद और विधानसभा में उठा रहे हैं और उन पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों का लोक सभा तथा विधायकों का विधान सभाओं में आचरण श्रेष्ठ रहना चाहिए क्योंकि उन्हें टेलीविजन के माध्यम से राज्य और पूरा देश देखता है। विधानसभा और संसद में अगर सदस्यों का आचरण श्रेष्ठ होगा तो इससे जनता की आस्था विधानसभा/संसद में बनी रहेगी। उन्होंने कहा की हम उत्तराखंड में ई- विधानसभा पर कार्य कर रहे है जिसको जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। 
दो दिवसीय सम्मेलन के समापन दिवस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने समापन भाषण में कहा की सम्मेलन में सभी के द्वारा सम्मेलन के विषयों पर गंभीर रूप से विचार विमर्श हुआ । उन्होंने कहा की विचार विमर्श से जो निष्कर्ष निकला उसका प्रभाव समाज पर जरूर पड़ना चाहिए। सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य,  राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, सिक्किम के मुख्य मंत्री प्रेम सिंह तमांग,सिक्किम विधानसभा अध्यक्ष अरुण कुमार, अरुणाचल के विधानसभा अध्यक्ष पासंग सोना सहित सभी पीठासीन अधिकारी मौजूद रहे।