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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईआईटी रुड़की के प्रो. शिशिर सिन्हा को प्रदान किया डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 में सिल्वर आइकन अवार्ड

by badhtabharat
 
रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने डिजिटल इंडिया 2022 सिल्वर आइकन अवार्ड प्राप्त करने पर केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर शिशिर सिन्हा को बधाई दी है। उन्होंने यह पुरस्कार सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) की ओर से प्राप्त किया। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘जीआईजीडब्ल्यू एवं एक्सेसेबलिटी गाइडलाइन्स के अनुसार वेब और मोबाइल की सर्वश्रेष्ठ पहल’ श्रेणी में यह पुरस्कार प्रदान किया। वर्तमान में प्रो. सिन्हा सीआईपीईटी (रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार) के महानिदेशक हैं। भारत के अग्रणी शिक्षाविदों में एक प्रो. सिन्हा राष्ट्रीय महत्व की टेक्नोलॉज़ी पर कार्यरत रहे हैं जिनमें बेकार पॉलीमर से मूल्य वर्धित उत्पादों का विकास शामिल हैं। यह पुरस्कार ब्रांड सीआईपीईटी द्वारा डिजिटल गवर्नेंस में अनुकरणीय पहल कर राष्ट्रीय विकास में योगदान देने का सम्मान है। प्रोफेसर शिशिर सिन्हा के मार्गदर्शन में सीआईपीईटी ने सफलता की जिन ऊंचाइयों को छूआ है उस पर आईआईटी रुड़की को गर्व है।

भारत सरकार अपने डिजिटल इंडिया विजन के साथ भारत को एक सशक्त डिजिटल समाज और ज्ञान प्रधान अर्थव्यवस्था बना रही है। डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 ऐसी डिजिटल पहलों को सामने लाने का अवसर देता है। ये पुरस्कार सरकारी संस्थाओं द्वारा सभी स्तरों पर इनोवेटिव डिजिटल सॉल्यूशन को बढ़ावा देने और सम्मानित करने के लिए हैं। डीआईए 2022 का उद्देश्य डिजिटल इंडिया विजन को पूरा करने के लिए न केवल सरकारी संस्थाओं बल्कि स्टार्टअप्स को भी प्रेरित और उत्साहित करना है। नई दिल्ली में आयोजित इस अवसर पर भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों समेत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी संचार और रेलवे मंत्री  अश्विनी वैष्णव और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव अलकेश कुमार शर्मा भी उपस्थित थे। यह पुरस्कार समारोह 7 जनवरी 2023 को आयोजित किया गया था।
डिजिटल इंडिया अवार्ड 2022 मिलने पर प्रोफेसर शिशिर सिन्हा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की और महानिदेशक, सीआईपीईटी ने कहा, “सीआईपीईटी 54 साल पुराना संगठन है। हम ने अपने कार्यों का चरणबद्ध डिजिटाइजेशन शुरू किया है। इसमें डीसीपीसी का सहयोग और मार्गदर्शन मिला है। इस पहल से सीआईईपीटी के स्टार कार्यों के बारे में छात्रों, ग्राहकों, उद्योग जगत और सभी भागीदारों को नवीनतम जानकारी आसानी से मिलेगी।’’ प्रो. शिशिर सिन्हा ने बताया, ‘‘इस तरह के सर्वाेच्च सम्मान से सीआईपीईटी को अधिक आत्मनिर्भर बनाने में कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा है।’’ आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के के पंत ने यह पुरस्कार मिलने पर प्रोफेसर सिन्हा और सीआईपीईटी को बधाई देते हुए कहा, ‘‘यह प्रो. सिन्हा के मार्गदशन में सीआईपीईटी टीम के उत्कृष्ट कार्यों का सम्मान है।’’