हरिद्वार : देवभूमि उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता को पूर्णत: सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रेषित नकल विरोधी कानून एवं राज्यपाल उत्तराखंड द्वारा मंजूरी मिलने के साथ ही 11 फरवरी 2023 से लागू हुए “उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश, 2023” में कड़े प्रावधानों का समायोजन किया गया है।
इस कानून में स्पष्ट किया गया है कि “परीक्षा एवं परीक्षाओं से संबंधित प्रश्नपत्रों एवं उत्तर कुंजियों के संबंध में झूठी, भ्रामक एवं मिथ्या सूचना एवं शिकायतों को प्रसारित एवं प्रकाशित करने वाले प्रबंधतंत्र, संस्था व व्यक्ति अपराध का दोषी समझा जाएगा और स्वयं के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने का दायी होगा तथा तदनुसार दण्डित किया जाएगा”
काफी संख्या में छात्रों द्वारा “आज” सोशल मीडिया में पटवारी परीक्षा को लेकर भ्रामक पोस्ट और परीक्षा की सुचिता को लेकर सवाल किए जा रहे एवं बिना आधार के बेवजह शिकायतें की जा रही हैं। बिना पुष्ट जानकारी के ऐसी “भ्रामक एवं मिथ्या सूचना” प्रसारित करने पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा कड़ा संज्ञान लेते हुए एक शिकायत हरिद्वार पुलिस को दी जा रही है जिसपर जांच कर संबंधित के विरुद्ध कड़ी विधिक कार्यवाही की जाएगी।