जोशीमठ : ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रेरणा से चार धाम के इतिहास में पहली बार ज्योर्तिमठ शीतकालीन मंगल यात्रा का आयोजन किया गया। सात दिवसीय शीतकालीन यात्रा का समापन बद्रीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थल नृसिंह मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के साथ संपन्न हुआ। नृसिंह मंदिर में सर्वे भवंतु सुखिनः की मंगल कामना के साथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से उनके शिष्य ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने की।
ज्योतिर्मठ शीतकालीन मंगलयात्रा विगत 11 मार्च से प्रारंभ हुई। 4 चरणों में यात्रा अपने पहले पडाव में यमुनोत्री के शीतकालीन पूजा स्थल खरसाली में विश्वकल्याण की मंगल कामना के लिए पूजा की गई ।मां गंगा के शीतकालीन पूजा स्थल मुखवा में जोशीमठ की आपदा से मुक्ति के लिए मंगल पूजा की गई । तीसरे चरण में केदारनाथ की शीतकालीन पूजा स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में चार धाम यात्रा की सफलता के लिए मंगल पूजा की गई । अंतिम चरण में बद्रीनाथ के शीतकालीन पूजा स्थल नृसिंह मंदिर में सर्वे भवंतु सुखिनः के संकल्प के साथ शंकराचार्य अविमुक्तेश्रानंद सरस्वती जी की ओर से उनके शिष्य ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने विशेष पूजा अर्चना की।
ज्योतिर्मठ मीडिया प्रभारी डॉ. बृजेश सती ने बताया कि यह चार धाम शीतकालीन मंगल यात्रा ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की प्रेरणा से आयोजित की गई । ज्योतिर्मठ प्रभारी मुकुदानंद के अलावा इस मंगल यात्रा में उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के प्रतिनिधि के रूप में प्रवक्ता अनुरूद उनियाल, यात्रा संयोजक प्रवीण नौटियाल एवं कमलेश कांत कुकरेती शामिल रहे।