Home » Blog » बिहार में अब ड्राइविंग लाइसेंस की तर्ज पर बनेगा ऑनलाइन फिटनेस सर्टिफिकेट

बिहार में अब ड्राइविंग लाइसेंस की तर्ज पर बनेगा ऑनलाइन फिटनेस सर्टिफिकेट

by badhtabharat

 

पटना : बिहार में वाहन चालकों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब उनको अपने गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए डीटीओ ऑफिस का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। सरकार ने अब ड्राइविंग लाइसेंस की तर्ज पर ऑनलाइन फिटनेस बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब इसके लिए अब आपको बस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद स्लॉट बुक करना होगा। जिसके बाद जाकर आप अपने गाडी का फिटनेस सर्टिफिकेट आसानी से बनवा सकते हैं।

अब गाड़ियों का फिटनेस बनाने के लिए आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद सिर्फ स्लॉट बुक करना पड़ेगा इसको लेकर परिवहन विभाग ने दिशा निर्देश जारी कर दिया है। स्लॉट बुक कराने पर मालिकों को वाहन मालिकों को समय और जगह दोनों बताया जाएगा। उसी समय पर उस स्थान पर गाड़ी लेकर उनको जाना होगा। इस प्रक्रिया में फीस तक ऑनलाइन जमा कराने की तैयारी शुरू हो गई है। फिलहाल इस प्रक्रिया को ऑफलाइन किया जाता रहा है। इसमें रसीद कटाने और आवेदन करने के लिए लोगों को डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था, लेकिन अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था से सूबे के लाखों वाहन चालकों को काफी आसानी होगी।

परिवहन विभाग के अनुसार, मई से ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर में गाड़ियों की जांच हाइटेक मशीनों की जाएगी। इसके बाद एमवीआइ गाड़ी को ही देखकर फिटनेस नहीं दे पायेंगे। इसके बाद सड़क पर फिट गाड़ियां ही चलेगी। गाड़ियों के फिटनेस के लिए लगभग 20 से अधिक तरह की मशीनों से जांच होगी और फिटनेस सर्टिफिकेट ऑनलाइन निकलेगा। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी करना मुश्किल होगा और कंडम गाड़ियों पर अंकुश लग पायेगा। अभी गुजरात में पहला ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर शुरू हो गया है।

परिवहन विभाग ने ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर बनाने के लिए करीब 57 निजी लोगों को स्वीकृति दी है। सेंटर को केंद्र सरकार के परिवहन नियमों के तहत तैयार करना होगा, जिसकी लागत डेढ़ करोड़ से अधिक होगी। विभाग ने इन सभी सेंटर को मई तक शुरू करने का लक्ष्य रखा है, ताकि लोगों को सहूलियत हो सके। अभी बिहार में गाड़ियों का फिटनेस किसी भी गाड़ी को अधिकारी दूर से देखकर दे देते है, जिसमें पैसों का बड़ा खेल होता है।